गुरुवार, 30 मई 2013

मुझे देखकर मुस्कुराना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा ।

-------रजत राजवंशी की रचना---------
मुझे देखकर मुस्कुराना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा ।
सपनों में हर रोज आना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा ।
कभी पास आना, कभी रूठ जाना, 
मनाऊँ अगर मैं तो नखरे दिखाना।
अगर गुदगुदी मैं कमर में करूँ तो 
तुम्हारा बड़े जोर से खिलखिलाना।
कभी पहलू में बैठ जाना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा । 
मुझे देखकर मुस्कुराना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा ।
सपनों में हर रोज आना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा ।
याद आती हैं मीठी मीठी वो बातें,
कटती नहीं हैं ये नागिन सी रातें ।
तुम्हारे बिना जिन्दगी है अधूरी
आ जाओ कब से तुम्हें हम बुलाते।
चिढ़ा कर के मुंह भाग जाना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा ।
मुझे देखकर मुस्कुराना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा ।
सपनों में हर रोज आना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा ।
मेरे प्यार की एक कहानी तुम्ही हो
मेरी रातों की राजरानी तुम्हीं हो
आशिक कहो या हूँ पागल तुम्हारा
मेरी मौत और जिंदगानी तुम्हीं हो
अदा से यूं नज़रें घुमाना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा ।
मुझे देखकर मुस्कुराना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा ।
सपनों में हर रोज आना तुम्हारा, कसम से मेरी जान ले के रहेगा ।

-----------रजत राजवंशी (योगेश मित्तल)-------------------


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