सोमवार, 3 जून 2013

तुझे छींक भी ना आये और ज़ुकाम भी ना हो

-----------------रजत राजवंशी की रचना----------------
तुझे छींक भी ना आये और ज़ुकाम भी ना हो 
कोई गम कोई दुःख सुबह शाम भी ना हो 
महकें खुशबू से हरदम रातें तेरी 
मीठी सबको लगें मीठी बातें तेरी 
अपनी परेशानियां मुझे दे दे सभी 
मेरी जान, तू कभी परेशान भी ना हो 
तुझे छींक भी ना आये और ज़ुकाम भी ना हो 
कोई गम कोई दुःख सुबह शाम भी ना हो 
तेरी आदत मुझे कुछ ऐसी हुई 
बिन तेरे कभी कुछ सुहाता नहीं
चाहता हूँ तुझे प्यार करता रहूँ
प्रेम मेरा मगर बदनाम भी ना हो
तुझे छींक भी ना आये और ज़ुकाम भी ना हो
कोई गम कोई दुःख सुबह शाम भी ना हो
-------रजत राजवंशी---------------------------

-ys[kd
;ksxs'k feÙky
Mobile-9899272303

Address
C/o RAJ MATCHING CENTRE
Shop No. 26, Pocket - F,  D.D.A. Market
G - 8 Area, Hari Nagar, New Delhi-110064


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें