सोमवार, 3 जून 2013

आम आदमी

------------------रजत राजवंशी की रचना----------------
हम आम आदमी हैं, सुख-दुःख में काम आते हैं
भ्रष्टाचार मिटाने की, भारत में अलख जगाते हैं
हम मस्त हवा के झोंके हैं, खुशबू बन कर छा जाते हैं
जब-जब जिन राहों से गुजरे, उन राहों को महकाते हैं
जब कोई दुखी हो रोता हो, आंसू उसके पी जाते हैं
दुःख की अग्नि में, सुखद हवा से उसका दिल बहलाते हैं
जब नींद उडी हो आँखों से, थपकी दे हम ही सुलाते हैं
और हर झपकी में कई-कई मीठे से ख्वाब दिखाते हैं
नफरत में जलते लोगों को, हम प्रेम का पाठ पढ़ाते हैं
कोई हमसे प्यार करे ना करे, हम प्यार सभी पे लुटाते हैं

----------------------रजत राजवंशी -------------------
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