रविवार, 2 जून 2013

मस्ती के जो उसूल हैं उनको निभा के पी

-----------------रजत राजवंशी की रचना----------------
मस्ती के जो उसूल हैं उनको निभा के पी 
एक बूँद भी ना बच सके, बोतल हिला के पी 
साकी ना हो शराब ना हो, कोई गम नहीं 
पानी से भरा जाम और पानी मिला के पी
पीने के जिक्र से ही हम मदहोश हो गए
जब होश आया तो सभी को सुला के पी
बोतल भी थी अकेली और हम भी थे अकेले
पीने के नाम पर एक महफ़िल बुला के पी
माँ-बीवी बहन बेटी रोटी को तरसते थे
पीना तो जरूरी था, सभी को रुला के पी
------------रजत राजवंशी----------------


posed by yogesh
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