----------------रजत राजवंशी की रचना----------------
कुछ तो खबर दो कैसे हो तुम
सच में बड़े ही वैसे हो तुम
हम चिंतित हैं, परवाह नहीं
ऐसा भी गुस्सा ठीक नहीं
हम विनती तुमसे करते हैं
यह कोई तुमको सीख नहीं
बतला दो अब क्यां हो गुमसुम
कुछ तो खबर दो कैसे हो तुम
सच में बड़े ही वैसे हो तुम
कोई फोन नहीं मैसेज नहीं
चाहे तड़प तड़प मर जाएँ हम
आँखें भी गीली मत करना
चाहे रो रो निकल जाए ये दम
कहो किसके ख्यालों में हो गुम
कुछ तो खबर दो कैसे हो तुम
सच में बड़े ही वैसे हो तुम
----------------------रजत राजवंशी----------------------- ------
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